नई दिल्ली. साल 1989 में मिथुन चक्रवर्ती और ‘प्रेम रोग’ एक्ट्रेस पद्मिनी कोल्हापुरे स्टारर फिल्म ‘दाता’ आई थी. इस फिल्म को ऑडियंस का अच्छा-खासा रिस्पांस मिला था. ‘दाता’ में मिथुन और पद्मिनी की केमिस्ट्री ने दर्शकों का खूब दिल जीता था और इस फिल्म ने बॉक्स-ऑफिस पर सुपरहिट का तमगा हासिल करने जितनी कमाई कर ली थी. इस फिल्म को शायद आपने देखा हो, लेकिन आप इस फिल्म से जुड़ी बेहद दिलचस्प कहानी नहीं जानते होंगे. आज इस फिल्म से जुड़ा एक ऐसा किस्सा साझा करने जा रहे हैं जो सिनेमा में दिलचस्पी रखने वाले हर व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करेगा. तो चलिए बताते हैं-
ये किस्सा इस फिल्म के नाम से जुड़ा है. सुल्तान अहमद द्वारा डायरेक्ट की गई फिल्म ‘दाता’ के नाम का ऐलान होने के साथ ही एक और फिल्म का ऐलान कर दिया गया था जिसका नाम इस फिल्म से काफी हद तक मिलता-जुलता था. या फिर आप यूं भी कह सकते हैं कि दूसरी फिल्म का नाम ‘दाता’ से ही प्रेरित था. दरअसल, जब सुल्तान अहमद ने इस फिल्म की घोषणा की तो इस फिल्म के नाम का लाभ उठाने के लिए फिल्ममेकर राजीव कुमार ने आनन फानन में फिल्म ‘गरीबों का दाता’ की घोषण कर डाली.
रमेश आहूजा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘गरीबों का दाता’ में मिथुन चक्रवर्ती के साथ एक्ट्रेस भानुप्रिया लीड रोल में नजर आई थीं. शायद आपको जानकर हैरानी हो कि फिल्म ‘गरीबों का दाता’ फिल्म ‘दाता’ से एक महीने पहले ही रिलीज हो गई थी. सुमीत सहगल, कादर खान, प्रेम चोपड़ा, दिव्या राणा, अरुणा ईरानी, शक्ति कपूर, ललिता पवार, असरानी और धनंजय सिंह जैसे दिग्गज सितारों से सजी ये फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर ढेर हो गई थी. इस फिल्म का इतना बुरा हाल हुआ था कि ये फ्लॉप का तमगा भी हासिल न कर सकी. ‘गरीबों का दाता’ बॉक्स-ऑफिस पर डिजास्टर साबित हुई थी.
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सुपरहिट रही थी ‘दाता’
अब अगर बात करें फिल्म ‘दाता’ कि तो ये फिल्म रमेश आहूजा के निर्देशन में बनी फिल्म की तुलना में काफी बेहतर साबित हुई थी. इस फिल्म ने बॉक्स-ऑफिस पर अच्छा-खासा कलेक्शन तो दर्ज किया ही था. साथ ही इसमें मिथुन का अभिनय उनके करियर के सबसे बेहतरीन प्रदर्शन में से एक है.
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