नई दिल्ली. प्रेम चोपड़ा की गिनती आज बॉलीवुड के खूंखार विलेन में की जाती है. अपने करियर में उन्होंने कई अलग-अलग तरह के किरदार निभाए हैं. लेकिन पहचान उन्हें विलेन के किरादर निभाकर ही मिली. बहुत कम लोग जानते हैं कि एक्टिंग में कदम रखने का पहला चांस उन्हें ट्रेन में मिला था. बॉलीवुड में कदम रखते ही उन्होंने ऐसी धाक जमाई की पूरे 60 साल तक इंडस्ट्री पर राज किया.
प्रेम चोपड़ा के पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर बनें, लेकिन वो IAS ऑफिसर बनने का सपना देखते हुए बड़े हुए. बड़े होने के बाद एक्टिंग का जुनून ऐसा चढ़ा कि वो फिल्मी दुनिया में जड़े जमाने के लिए जद्दोजहद करने लगे. एक्टिंग की दुनिया में करियर बनाने का चांस उन्हें चलती ट्रेन में मिला था. इसके बाद उन्होंने पंजाबी फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. हालांकि बाद में हिंदी फिल्मों में एंट्री करने के बाद वह हीरो तो नहीं बन सके लेकिन विलेन बनकर उन्होंने दर्शकों का ऐसा दिल जीता कि उनकी पहचान ही विलेन के रूप में बन गई.
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चलती ट्रेन में चमकी थी किस्मत
जब प्रेम चोपड़ा मुंबई आए तो घर चलाने के लिए उन्होंने एक अखबार में नौकरी करना शुरू कर दिया था. इसी दौरान उन्हें पंजाबी फिल्मों में काम करने का चांस मिल गया. अपने एक इंटरव्यू में खुद प्रेम चोपड़ा ने बताया था, ‘एक दिन वह लोकल ट्रेन में कहीं जा रहे थे. उसी दौरान एक अजनबी ने उनसे पूछा कि फिल्मों में काम करोगे? प्रेम चोपड़ा इसी पल का इंतजार कर रहे थे उन्होंने तुरन्त हामी दे दी और उस शख्स के साथ रंजीत स्टूडियो चले गए. उस पंजाबी फिल्म ‘चौधरी करनैल सिंह’ के प्रोड्यूसर को एक विलेन की तलाश थी और उन्हें प्रेम चोपड़ा मिल गए. यहीं से उनके विलेन बनने की शुरुआत हुई.
बनना था हीरो बन गए विलेन
प्रेम चोपड़ा अपनी बात रखते हुए आगे बताया, ‘ मुंबई वह हीरो बनना सपना लेकर ही आए थे. कुछ पंजाबी फिल्में करने के बाद जब उन्हें हिंदी फिल्में मिली तो जिन फिल्मों में वह हीरो बने वह ज्यादातर फ्लॉप रही. हालांकि विलेन बनने के बाद भी वह चेहरे से वह हीरो से भी ज्यादा हैंडसम लगा करते थे. ये वो वक्त था जब कई एक्टिंग का सपना लेकर आने वाले लोग इंडस्ट्री छोड़ रहे थे. ऐसे में जब उन्हें हीरो के बजाय निगेटिव रोल मिलना शुरू हुए तो उन्होंने इंडस्ट्री में बने रहने के लिए नेगेटिव रोल करना जरूरी समझा. इसके बाद तो वह दर्शकों पर विलेन के उनके किरदारों का ऐसा जादू गया कि वह इंडस्ट्री के जाने माने विलेन बन गए.’
बता दें कि प्रेम चोपड़ा के इन नेगेटिव किरदारों को देखकर असल जिंदगी में भी लोग उनसे डरने लगे थे. एक बार वह अपनी एक फिल्म के प्रीमियर में अपनी बेटी को लेकर आए और फिल्म देखने के बाद वह इतनी डर गई थीं उन्हें घूरती ही रह गई थी. उनकी बेटी ने कई दिन तक प्रेम चोपड़ा से बात तक नहीं की थी. इस बात का खुलासा खुद प्रेम चोपड़ा ने किया था.
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