मध्य प्रदेश में अब निकाय वसूलेंगे मनोरंजन कर, 70 वर्ष पुराने अधिनियम में बदलाव

Entertainment Tax in MP: विलासिता, मनोरंजन कर लेने का अधिकार वाणिज्यिक कर विभाग से लेकर नगरीय विकास एवं आवास विभाग को दिया गया है।

Prashant Pandey Updated:   | Sun, 25 Dec 2022 02:00 AM (IST) Published: | Sun, 25 Dec 2022 02:00 AM (IST)

Entertainment Tax in MP: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्र में अब मनोरंजन कर की वसूली स्थानीय निकाय करेंगे। नगरीय निकायों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से नई व्यवस्था की गई है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने 70 वर्ष पुराने मध्य प्रदेश सिनेमा (विनियमन) अधिनियम 1952 में संशोधन कर दिया है। दरअसल, मध्य प्रदेश माल एवं सेवा कर के जुलाई 2017 से लागू होने के बाद मध्य प्रदेश विलासिता, मनोरंजन, आमोद एवं विज्ञापन कर अधिनियम 2011 स्वत: निरस्त हो गया है।

इससे निकायों की आय में कमी न हो, इसलिए अब विलासिता, मनोरंजन कर लेने का अधिकार वाणिज्यिक कर विभाग से लेकर नगरीय विकास एवं आवास विभाग को दिया गया है। इस प्रविधान से नगरीय निकायों की सीमा अंतर्गत किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले मनोरंजन कर एवं मनोविनोद संबंधी कार्यक्रमों पर नगरीय निकायों को कर या शुल्क लगाने का अधिकार होगा।

नगरीय निकायों को अधिकार प्राप्त होने पर अधिनियम में संशोधन कर नगर निगम क्षेत्र में की सीमा के भीतर निगम आयुक्त और नगर पालिका एवं नगर परिषद की सीमा के भीतर वाले नगर पालिका क्षेत्र के लिए एवं अन्य क्षेत्रों के लिए जिला न्यायाधीश (कलेक्टर) द्वारा प्राधिकृत कोई कार्यपालिक न्यायाधीश जो उपखंड न्यायाधीश की श्रेणी से नीचे न हो, को लाइसेंस प्राधिकारी के रूप में प्राधिकृत होगा।


एक हजार की जगह अब 50 हजार रुपये लगेगा जुर्माना

लाइसेंस प्राप्त सिनेमा घर नियमों का उल्लघंन करते हैं तो वर्तमान में एक हजार रुपये एवं लगातार उल्लंघन किए जाने पर प्रत्येक दिन सौ रुपये के मान से अर्थदंड लगाया जाता है। सरकार अब एक हजार की जगह 50 हजार और 100 रुपये की जगह पांच हजार रुपये अर्थदंड वसूलेगी।

सिनेमा घरों को लाइंसेस जारी करने से लेकर अर्थदंड लगाने का अधिकारी नगरीय विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से होगा। पहले यह अधिकार वाणिज्यिक कर विभाग के पास थे। इसमें नगर निगम सीमा क्षेत्र में निगम आयुक्त और नगर पालिका, नगर परिषद में कलेक्टर द्वारा अधिकृत अधिकारी लाइसेंस जारी करेगा एवं कार्रवाई भी कर सकेगा। – भरत यादव, आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय

Posted By: Prashant Pandey

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