श्योपुर19 दिन पहले
शहर के ऐतिहासिक और लोक संस्कृति का प्रतीक श्रीहजारेश्वर मेले का शुभारंभ गौरव दिवस के उप लक्ष्य में पूरे धूमधाम और हर्षोलास का आयोजन किया गया है, जिसमें शहरवासियों के लिए आकर्षण, झू, चकरी, मौत का कुआं, ब्रेक डांस सहित साज-सज्जा के सामान सहित मनोरंजन शामिल हैं। बहुसंख्यक दस्तावेजों को चुना गया है। यह बात श्रीहजारेश्वर मेला समिति के अध्यक्ष पार्षद विष्णु पाराशर ने कही।
नगर सटीक अध्यक्ष रेणू सुजीत गर्ग एवं सीएमओ सतीश मतसनिया के कुशल मार्गदर्शन एवं मेला अध्यक्ष विष्णु पराशर के नेतृत्व में मिले में अनुपालन किए गए हैं तो वहीं चाट, पकोडी, कुल्फी सहित विशिष्ट अंक की संपूर्ण श्रृंखला को सजा दी गई है। श्री हजारेश्वर मेले की घटना पूरे एक माह के लिए होती है। जिनमें जुआ, चकरी, ड्रैगन ट्रेन, मौत का कुआं आदि मनोरंजक के साथ खरीदारी और चकमा के सेक्टर रहते हैं। जो पूरे महीने तक सैलानियों से गुलजार बने रहते हैं। मेले में शहर के साथ ही दिलभर के लोग सैलानी बनकर भागीदारी करते हैं।
पराशर ने कहा कि नगर निगम के तत्वावधान में खुले बाले हजारेश्वर मेले में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की स्थिति भी नगर द्वारा तय की जाती है। किसी विशेष के ख्यातिनाम कलाकार भागीदारी करते हैं। कार्यक्रम की श्रंखला में आर्केस्ट्रा, कवि सम्मेलन, भजन ईव, कबाली, मुशायरा जैसे मंचीय आयोजन शामिल हैं। यही कारण है कि इस मेले का इंतजार न केवल शहरवासी शहर और राजस्थान के लोग साल भर करते हैं।